
निधि तिवारी: एक नई पहचान
निधि तिवारी, जो भारतीय विदेश सेवा (आईएफ़एस) की अधिकारी हैं, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में नियुक्त की गई हैं। यह नियुक्ति न केवल उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत की राजनीति में महिलाओं की भूमिका को भी दर्शाती है।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
निधि तिवारी ने सिविल सेवा परीक्षा 2013 में 96वीं रैंक हासिल की थी। यह सफलता उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। लखनऊ की रहने वाली निधि ने अपनी ग्रेजुएशन के बाद आईएफ़एस की तैयारी की और इस क्षेत्र में कदम रखा।
प्रमुख नियुक्तियाँ
निधि तिवारी ने नवंबर 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अंडर सेक्रेटरी के रूप में कार्य करना शुरू किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में योगदान दिया। अब, प्रधानमंत्री मोदी के निजी सचिव के रूप में, वे रोज़मर्रा के प्रशासनिक कामकाज जैसे शेड्यूल प्रबंधन, नीति और प्रशासनिक समन्वय, और संचार को संभालेंगी।
महिलाओं की भूमिका
यह ध्यान देने योग्य है कि पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल में यह पहली बार है जब किसी महिला को प्राइवेट सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल निधि के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह दर्शाता है कि महिलाएं उच्चतम स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा सकती हैं।
निधि का व्यक्तिगत जीवन
निधि तिवारी की शादी 8 साल पहले हुई थी। उनके परिवार में उनके पति और माता-पिता शामिल हैं। निधि की मां, प्रभा तिवारी, ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निधि की कहानी यह भी दिखाती है कि कैसे एक महिला अपने परिवार और करियर के बीच संतुलन बना सकती है।
भविष्य की संभावनाएँ
निधि तिवारी की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल प्रशासनिक कार्यों में सक्षम हैं, बल्कि वे नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उनकी यात्रा अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, जो अपने करियर में आगे बढ़ने का सपना देखती हैं।
निष्कर्ष
निधि तिवारी की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे समर्पण और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा सकती है कि वे न केवल प्रधानमंत्री कार्यालय में बल्कि पूरे देश में महिलाओं की भूमिका को और भी मजबूत करेंगी।
