
रिश्तेदार की शायरी
रिश्तेदार की शायरी
रिश्ते हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होते हैं। चाहे वो माता-पिता हों, भाई-बहन, या फिर रिश्तेदार, हर एक का अपना एक खास स्थान होता है। रिश्तेदारों के साथ बिताए गए लम्हे और उनकी यादें हमें हमेशा खुश रखती हैं। शायरी एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम अपनी भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त कर सकते हैं। आइए, रिश्तेदारों पर कुछ बेहतरीन शायरी का आनंद लेते हैं। 😊
रिश्तों की अहमियत
हमारे रिश्ते ही हमें जीवन में खुशियों का अहसास कराते हैं। जब हम किसी रिश्तेदार से मिलते हैं, तो वो पल हमारे दिल में एक खास जगह बना लेते हैं। रिश्तों की मिठास को शब्दों में ढालने का काम शायरी करती है। कुछ बेहतरीन शायरी के उदाहरण देखें:
- “दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न कीजिए,
रिश्ता दिल मिले या न मिले, हाथ मिलाते रहिए।” - निदा फ़ाज़ली - “चलो कहीं पे तअल्लुक़ की कोई शक्ल तो हो,
किसी के दिल में किसी की कमी ग़नीमत है।” - आफ़ताब हुसैन - “खुशबूओं पर न कभी कोई पहरा निकला,
सरहदें रोक न पाएँगी कभी रिश्तों को।” - अज्ञात - “बिखरते टूटते रिश्तों का बोझ ढोना,
तलब बड़ी ही अज़िय्यत का काम होता है।” - ख़ुर्शीद तलब - “काश फिर उस की गली से हो,
इश्क़ दोबारा उसी से हो।” - इरशाद ख़ान ‘सिकंदर’
रिश्तों की देखभाल
रिश्तों को निभाना एक कला है। यह सिर्फ़ ऊपरवाले की कृपा नहीं, बल्कि हमारी मेहनत और समझदारी भी है। जब हम रिश्तों को प्यार और सम्मान देते हैं, तो वो और भी मजबूत बनते हैं। रिश्तों की देखभाल करने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखें:
- संचार: खुलकर बात करें, अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।
- समय बिताना: रिश्तेदारों के साथ समय बिताना बहुत ज़रूरी है।
- समर्थन: मुश्किल समय में एक-दूसरे का सहारा बनें।
- सम्मान: हर रिश्ते में सम्मान का होना बेहद ज़रूरी है।
निष्कर्ष
रिश्ते हमारी ज़िंदगी की वो फ़सलें हैं जिन्हें हमें सींचना होता है। ग़म और खुशी के मौसम आते-जाते रहते हैं, लेकिन रिश्तों की हिफ़ाज़त करना हमारी ज़िम्मेदारी है। शायरी के माध्यम से हम इन रिश्तों की खूबसूरती को और भी बढ़ा सकते हैं। तो चलिए, अपने रिश्तेदारों के साथ इन खूबसूरत लम्हों को साझा करें और उन्हें यादगार बनाएं! ❤️