
स्वादुपिंड आजार: एक परिचय
स्वादुपिंड, जो पैनक्रियास के नाम से भी जाना जाता है, शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने, भोजन को पचाने में मदद करने और पाचन के दौरान पेट को खाली करने में सहायक होता है। हालांकि, यह अंग कभी-कभी सूज सकता है, जिसे पैनक्रियाटाइटिस कहा जाता है। इस लेख में, स्वादुपिंड के विभिन्न आजारों के लक्षणों पर चर्चा की जाएगी।
पैनक्रियाटाइटिस के लक्षण
पैनक्रियाटाइटिस दो प्रकार का होता है: तीव्र (Acute) और पुराना (Chronic)। दोनों प्रकार के पैनक्रियाटाइटिस के लक्षण भिन्न हो सकते हैं।
1. तीव्र पैनक्रियाटाइटिस
तीव्र पैनक्रियाटाइटिस अचानक होता है और इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- पेट में तेज दर्द: यह दर्द आमतौर पर ऊपरी पेट में होता है और पीठ तक फैल सकता है।
- मतली और उल्टी: रोगी को अक्सर मतली महसूस होती है और उल्टी भी हो सकती है।
- बुखार: बुखार होना भी एक सामान्य लक्षण है।
- त्वचा का पीला होना: यह लक्षण जॉन्डिस के कारण हो सकता है।
2. पुराना पैनक्रियाटाइटिस
पुराना पैनक्रियाटाइटिस एक दीर्घकालिक स्थिति है और इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
- पेट में लगातार दर्द: यह दर्द समय-समय पर बढ़ सकता है।
- वजन में कमी: रोगी को भोजन पचाने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वजन घट सकता है।
- पाचन संबंधी समस्याएँ: जैसे दस्त या वसा युक्त मल।
- शुगर लेवल में असामान्यता: यह स्थिति मधुमेह का कारण बन सकती है।
पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
स्वादुपिंड कैंसर के लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट और पीठ में दर्द: यह दर्द लगातार बना रह सकता है।
- जॉन्डिस: त्वचा और आंखों का पीला होना।
- वजन में अचानक कमी: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना।
- भोजन के प्रति अरुचि: रोगी को खाने में रुचि नहीं रह सकती।
निष्कर्ष
स्वादुपिंड के आजारों के लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है। यदि किसी व्यक्ति को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। सही समय पर उपचार से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।