सुरक्षा, बैलिस्टिक मिसाइल, रक्षा तकनीक, हाइपरसोनिक
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बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र: एक परिचय

बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र, या बैलिस्टिक मिसाइल, एक प्रकार का प्रक्षेपास्त्र है जो अपनी उड़ान के दौरान एक निर्धारित पथ पर चलती है और अंततः अपने लक्ष्य को हिट करती है। यह प्रक्षेपास्त्र आमतौर पर एक या एक से अधिक चरणों में उड़ान भरती है और इसके बाद यह अपने लक्ष्य की ओर गिरती है।

बैलिस्टिक मिसाइल के प्रकार

बैलिस्टिक मिसाइलों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (SRBM): ये आमतौर पर 1,000 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
  2. मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (MRBM): ये 1,000 से 3,500 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य बना सकती हैं।
  3. महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM): ये 5,500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर लक्ष्य बना सकती हैं और अंतरमहाद्वीपीय उड़ान भरने के लिए सक्षम होती हैं।

बैलिस्टिक मिसाइल का कार्यप्रणाली

बैलिस्टिक मिसाइल का कार्यप्रणाली तीन मुख्य चरणों में विभाजित होती है:

  1. संचालित उड़ान भाग: इस चरण में, मिसाइल अपने रॉकेट प्रोपेलेंट का उपयोग करके उड़ान भरती है।
  2. मुक्त-उड़ान भाग: इस चरण में, मिसाइल बिना किसी प्रोपेलेंट के अपने पथ पर चलती है।
  3. पुनः प्रवेश चरण: इस चरण में, मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल में वापस प्रवेश करती है और अपने लक्ष्य की ओर गिरती है।

हाल की प्रगति

हाल ही में, रूस ने अपनी नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक को बेलारूस में तैनात करने की योजना बनाई है। यह मिसाइल अपनी गति और सटीकता के लिए जानी जाती है। इस कदम का उद्देश्य अमेरिका और जर्मनी द्वारा यूरोप में इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलों की तैनाती का जवाब देना है।

बैलिस्टिक मिसाइलों का महत्व

बैलिस्टिक मिसाइलें किसी भी देश की रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। ये न केवल सैन्य शक्ति का प्रतीक होती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि एक देश अपनी सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।

निष्कर्ष

बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्रों की तकनीक निरंतर विकसित हो रही है। जैसे-जैसे नई तकनीकों का विकास हो रहा है, ये मिसाइलें और भी अधिक प्रभावी और सटीक होती जा रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में ये तकनीकें कैसे विकसित होती हैं और वैश्विक सुरक्षा पर उनका क्या प्रभाव पड़ता है। 🚀


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5 Comments
tarun.tea 2w
Haan bilkul sahi kaha. Technical details bhi samajhna zaruri hai.
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baba.ke.haveli 2w
Bhai, agree karta hoon. Lekin sirf technical details se kuch nahi hoga. Real-world applications aur practical challenges bhi dekhne chahiye.
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tarun.tea 1w
Practical challenges bhi important hain Balance zaruri hai
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