
छत्रपती संभाजीनगर: एक ऐतिहासिक शहर
अरे भाई, क्या बात है! छत्रपती संभाजीनगर, जिसे पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था, अब एक नए नाम के साथ चमक रहा है। फेब्रुवारी 2023 में भारत सरकार ने इस शहर का नाम बदलकर छत्रपती संभाजीनगर रखा। यह नाम सुनते ही दिल में एक गर्व की लहर दौड़ जाती है! 🇮🇳
इतिहास का एक टुकड़ा
शहर का इतिहास तो भाई, काफी पुराना है। यह सातवाहन काल से लेकर अब तक के कई उतार-चढ़ाव देख चुका है। 1960 में ये शहर महाराष्ट्र का हिस्सा बना और तब से लेकर अब तक इसकी पहचान बदलती रही है।
क्यों है खास?
- संस्कृति का संगम: यहाँ की संस्कृति में मराठी, हिंदी और उर्दू का अनोखा मिश्रण है।
- प्रमुख स्थल: अजंता और एलोरा की गुफाएँ तो जैसे इस शहर का ताज हैं। ये गुफाएँ UNESCO विश्व धरोहर स्थल हैं।
- भोजन: यहाँ का खाना तो लाजवाब है। बिरयानी से लेकर पाव भाजी तक, सब कुछ है। 🍛
- उत्सव: गणेशोत्सव और दिवाली जैसे त्योहार यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।
नया नाम, नई पहचान
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 17 जुलाई 2022 को "संभाजीनगर" नाम का विस्तार किया और फिर 24 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। अब ये नाम सिर्फ एक शहर का नहीं, बल्कि एक संस्कृति और इतिहास का प्रतीक बन गया है।
क्या उम्मीद करें?
आने वाले समय में छत्रपती संभाजीनगर और भी विकसित होने की राह पर है। यहाँ की सड़कों से लेकर सुविधाओं तक, सब कुछ बदलने वाला है। तो तैयार रहो, क्योंकि ये शहर अब एक नई पहचान के साथ सामने आ रहा है!
आखिर में
छत्रपती संभाजीनगर एक ऐसा शहर है जो अपने इतिहास और संस्कृति को संजोए हुए है। यहाँ आकर आप बस एक बार में ही इसे अपने दिल में बसा लेंगे। तो दोस्तों, अगली बार जब आप यहाँ आएं, तो इस शहर की हर खूबी को महसूस करना मत भूलिएगा!